गुलाब

एक गुलाब किसी आंगन में तो मौजूद हैं पर किस आंगन में उसका घराना है यह पता नहीं।

गुलाब को कौन नहीं जानता?
उसकी तलाश सभी को है; उसकी तलाश मुझको भी है।

पर उस तलाश और इस तलाश में कुछ-कुछ फर्क है - शायद लगता है कि कुछ फर्क है।

तलाश गुलाब को देखने की है।
तलाश गुलाब तक पहुंच कर जानने की है।

पर इस पर गुलाब क्या कहती है?
क्या वह कोई राई रखती है?
तलाश गुलाब को यह पुछने की भी है।

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